Saturday, 21 May 2016

व्यंग्य सप्ताह - 21-27 मई 2016 : कालजयी व्यंग्यकार शरद जोशी पर एकाग्र



शरद जोशी

जन्म 21 मई, 1931
शरद जोशी जी ने बचपन में तय किया था कि वह लेखक बनेंगे और जीवन के अन्तिम पल तक उसका निर्वाह सफलतापूर्वक करते रहे। 21 मई, 1931 को उज्जैन मध्य प्रदेश में जन्मे, होल्कर कॉलेज इन्दौर के दिनों में ही एक लेखक के रूप में ख्याति प्राप्त कर चुके थे। इन्दौर, प्रसिद्ध नई दुनिया अखबार में परिक्रमाकॉलम से उनकी प्रसिद्धि और लेखक के रूप में पहचान बनी। पहली पुस्तक परिक्रमा (उन्हीं लेखों का समावेश) 1958 में छपी।
उनके दो व्यंग्य नाटक अंधों का हाथी’, ‘एक था गधा उर्फ़ अलादाद खांआज भी देश-विदेश में मंचित हो रहे हैं...
अन्तिम कॉलम प्रतिदिननवभारत टाइम्स में लगातार 7 वर्षों तक छपा।
शरद जी की 21 पुस्तकें छपी हैं...परिक्रमा’, ‘किसी बहाने’, ‘जीप पर सवार इल्लियाँ’, ‘रहा किनारे बैठ’, ‘दूसरी सतह’, ‘मेरी श्रेष्ठ व्यंग्य रचनाएँ’, ‘यथासम्भव’, ‘यत्र-तत्र-सर्वत्र’, ‘यथासमय’, ‘हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे’ (चारों भारतीय ज्ञानपीठ से) प्रतिदिन 3 भागों में, ‘नावक के तीर’, ‘मुद्रिका रहस्य’, ‘झरता नीम शाश्वत थीम’, ‘मैं, मैं और केवल मैं’, ‘शरद जोशी एक यात्रा’ (अन्य लेखकों के विचार, डॉ. शशि मिश्रा), ‘जादू की सरकार’, ‘पिछले दिनों’, ‘दो व्यंग्य नाटक’, ‘राग भोपाली’, ‘नदी में खड़ा कवि
सरकारी पुरस्कारों से बचते रहे। मात्र एक पद्मश्री 1990 में उनके खाते में...पी-एच.डी. के घोर विरोधी रहे, आज उनपर ही कई पी-एच.डी. हो गई हैं।
हिन्दी की पहली कॉमेडी सीरियल यह जो है जिन्दगीलिखने का श्रेय भी। मालगुडी डेज़ (हिन्दी संवाद), विक्रम और वेताल, सिंहासन बत्तीसी, वाह जनाब, दाने अनार के, यह दुनिया गज़ब की सीरियल्स भी लिखीं...और क्षितिज’, ‘गोधूलि’, ‘उत्सव’, ‘उड़ान’, ‘चोरनी’, ‘सांच को आंच नहीं’, और दिल है कि मानता नहींफिल्मों के संवाद भी...

मृत्यु: 5 सितम्बर, 1991
_______________________________________________________________
रचना संसार
 



  

...............................................................................................................................................................
शरद जी की हस्तलिपि
साभार - स्वामी सहजानंद सरस्वती संग्रहालय, वर्धा, महाराष्ट्र






कुछ उपलब्ध वीडियो लिंक्स SHARAD JI LIVE :

























9 comments:

  1. बहुत सुंदर संकलन। बधाई।
    शरद जी की याद को नमन।

    ReplyDelete
  2. उम्दा प्रयास...आप इसके लिए साधुवाद के पात्र हैं।

    ReplyDelete
  3. उम्दा प्रयास...आप इसके लिए साधुवाद के पात्र हैं।

    ReplyDelete
  4. बहुत ही अच्छा प्रयास किया है . बधाई

    ReplyDelete
  5. राहुल जी , आपकी मेहनत को सलाम... बहुत बढ़िया .... शुभकामनाएँ ...सहयोग पूरा रहेगा :)

    ReplyDelete
  6. too good...thanks for sharing. ..

    ReplyDelete
  7. वाह।बहुत अच्छा प्रयास।

    ReplyDelete
  8. वाह।बहुत अच्छा प्रयास।

    ReplyDelete
  9. बहुत बढ़िया पहल. बधाई और शुभकामनाएं.

    ReplyDelete

गाँधी होने का अर्थ

गांधी जयंती पर विशेष आज जब सांप्रदायिकता अनेक रूपों में अपना वीभत्स प्रदर्शन कर रही है , आतंकवाद पूरी दुनिया में निरर्थक हत्याएं कर रहा है...