Monday, 1 September 2014

साहित्यकार वीथिका

‘स्पर्श’ पर पिछले महीने शुरू किये गये स्तम्भ तीन कवि : तीन कविताओं में पीढ़ियों के मध्य कवि/कवयित्रियों की कविताओं को पाठकों ने काफी पसंद किया | लगातार चार हफ़्तों से यह स्तम्भ आप पढ़ते आ रहे हैं और इसे आगे भी जारी रखा जाएगा | हर चार हफ़्तों के बाद एक थोड़ा अलग तरह की पोस्ट के साथ | जी हाँ, इस बार इस स्तम्भ में हम लेते हैं एक छोटा सा विराम और आपको ले चलते हैं हमारे कुछ नए-पुराने साहित्यकारों के जीवन की दुनिया में | ‘साहित्यकार वीथिका’ के नाम से प्रस्तुत यह एल्बम मेरे द्वारा यत्र-तत्र से संग्रह किये गए साहित्यकारों के दुर्लभ चित्रों का संकलन है | उम्मीद है आप को भी पसंद आएगा...और हाँ अगर पाठकों के पास ऐसे ही कुछ और चित्र हों तो वह मुझे ईमेल से भेज सकते हैं, उन्हें भी इसमें जोड़ दिया जाएगा |
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आचार्य रामचंद्र शुक्ल


गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर


प्रसाद और प्रेमचन्द



बच्चन, पन्त और दिनकर


सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'

राजकमल चौधरी, रेणु और सर्वेश्वरदयाल सक्सेना


आलोक धन्वा


भीष्म साहनी


हरिशंकर परसाई


मैथिलीशरण गुप्त


मंटो


सर्वेश्वरदयाल सक्सेना


राजेन्द्र राव



अखिलेश


अमरकांत अपनी पत्नी के साथ


अमृता प्रीतम


अनामिका


अरुण कमल


बाबा नागार्जुन


भगवतीचरण वर्मा


चंद्रकांत देवताले


सुदामा पाण्डेय 'धूमिल'


गजानन माधव 'मुक्तिबोध'


ग़ालिब


गोविन्द वल्लभ पन्त, महादेवी वर्मा, भगवतीचरण वर्मा


गीतकार प्रदीप


पं. गंगारत्न पाण्डेय


हरिश्चन्द्र पाण्डेय


आचार्य हज़ारी प्रसाद द्विवेदी


कमलेश्वर


शिवानी


सुधा अरोड़ा



केदारनाथ अग्रवाल


केदारनाथ सिंह


केशव तिवारी


कुमार अनुपम


कुंवर रविन्द्र


माखनलाल चतुर्वेदी


सुशील सिद्धार्थ


तेजेंद्र शर्मा


मनीषा कुलश्रेष्ठ


मन्नू भंडारी


सआदत हसन मंटो


मेहरुन्निसा परवेज़


मुक्तिबोध अपनी पत्नी के साथ


नामवर सिंह


अमृतलाल नागर


नागार्जुन


नागार्जुन


नरेश सक्सेना


सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'


निर्मल वर्मा


ओमप्रकाश वाल्मीकि


पाण्डेय बेचन शर्मा 'उग्र'


काशीनाथ सिंह


जयशंकर प्रसाद


प्रेमचंद


राहुल सांकृत्यायन


राजेन्द्र यादव, मन्नू भंडारी


राजेन्द्र यादव, मन्नू भंडारी, रचना यादव


रवीन्द्र कालिया


फणीश्वर नाथ रेणु


सफ़दर हाशमी


संजीव


शमशेर बहादुर सिंह


शमशेर बहादुर सिंह


शरद जोशी


शिवमूर्ति


विष्णु प्रभाकर


निराला


स्वयंप्रकाश


त्रिलोचन


उदयप्रकाश


दिनकर और दुष्यंत कुमार


यशपाल


विजेंद्र


वीरेन डंगवाल


रणजीत

रघुवीर सहाय

मैत्रेयी पुष्पा


सूरजप्रकाश

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2 comments:

गाँधी होने का अर्थ

गांधी जयंती पर विशेष आज जब सांप्रदायिकता अनेक रूपों में अपना वीभत्स प्रदर्शन कर रही है , आतंकवाद पूरी दुनिया में निरर्थक हत्याएं कर रहा है...