Thursday, 11 August 2011

वन्दे मातरम्

वन्दे मातरम् 
सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्
शस्यशामलां मातरम् । 
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीं 
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीं 
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीं
सुखदां वरदां मातरम् ।। १ ।। वन्दे मातरम् ।
कोटि-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले
कोटि-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले, 
अबला केन मा एत बले ।
बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं 
रिपुदलवारिणीं मातरम् ।। २ ।। वन्दे मातरम् ।
तुमि विद्या, तुमि धर्म 
तुमि हृदि, तुमि मर्म
त्वं हि प्राणा: शरीरे 
बाहुते तुमि मा शक्ति, 
हृदये तुमि मा भक्ति, 
तोमारई प्रतिमा गडि 
मन्दिरे-मन्दिरे मातरम् ।। ३ ।। वन्दे मातरम् ।
त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी 
कमला कमलदलविहारिणी
वाणी विद्यादायिनी, नमामि त्वाम् 
नमामि कमलां अमलां अतुलां 
सुजलां सुफलां मातरम् ।। ४ ।। वन्दे मातरम् ।
श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषितां 
धरणीं भरणीं मातरम् ।। ५ ।। वन्दे मातरम् ।।

1 comment:

गाँधी होने का अर्थ

गांधी जयंती पर विशेष आज जब सांप्रदायिकता अनेक रूपों में अपना वीभत्स प्रदर्शन कर रही है , आतंकवाद पूरी दुनिया में निरर्थक हत्याएं कर रहा है...