Sunday 30 October 2011

देर रात काम खत्म करके जब पिता घर लौटा तो उसका 5 वर्षीय बेटा दरवाजे पर खड़ा इंतजार कर रहा था। उसके घर मंे घुसते ही बेटे ने पूछा -आप एक घंटे में कितना कमा लेते है? अनपेक्षित सवाल खीजकर वह बोला, तुम्हें यह जानने की जरूरत नहीं। बच्चे ने फिर भी जानना चाहा तो उसने कहा, 200 rs। इस पर बच्चे ने पिता से 100 rs देने का आग्रह किया। पिता ने नाराज होकर कहा, ‘...यदि तुम कोई खिलौना लेने के लिए या किसी और बेवकूफी के ल...िए यह रुपए मांग रहे हो तो अपने कमरे में जाओ और सो जाओ।’ बच्चा चुपचाप अपने कमरे में चला गया। करीब एक घंटे के बाद जब पिता का दिमाग शंात हुआ तो उसने सोचा कहीं बेटे को पैसो की वास्तव में आवश्यकता तो नहीं है। उसने बेटे के कमरे में झंाका। उसे जगा पाकर उसके पास बैठ गया और बोला, ‘मैंने तुम पर बहुत गुस्सा किया। तुम 100 rs के बारे में कुछ कह रहे थे।’ बच्चा मुस्कुराया और सीधा बैठ गया। पिता से 100 rs लेकर उसने तकिए के नीचे रख दिए। तभी पिता की नजर वहंॉ पहले से रखे 100 पर पड़ी। बच्चे ने rs गिने और पिता की ओर देखा। पिता दोबारा गुस्सा हो गया ओर बोला, तुम और rs क्यों मांग रहे थे जबकि तुम्हारे पास पहले से ही पैसे हैं। बेटे ने मासूमियत से कहा, क्योंकि मेरे पास पहले पूरे पैसे नहीं थे, अब पूरे हैं। डैडी, अब मेरे पास सचमुच पूरे 200 rs हैं। क्या मैं आपका एक घटंा खरीद सकता हंू ? आप कल घर जल्दी आ जाना। मैं रात का खाना आपके साथ चाहता हूं।‘ पिता के पास बेटे की बात का कोई जवाब नहीं था। सबसे अनमोल तोहफा अगर आप किसी को देते हो तो वो है वक्त, क्योकिं जब आप किसी को अपना वक्त देते हो ता,े आप उन्हें जिंदगी का वो पल देते हो जो कभी वापस नहीं आता।

No comments:

Post a Comment

गाँधी होने का अर्थ

गांधी जयंती पर विशेष आज जब सांप्रदायिकता अनेक रूपों में अपना वीभत्स प्रदर्शन कर रही है , आतंकवाद पूरी दुनिया में निरर्थक हत्याएं कर रहा है...