Sunday, 30 October 2011

खतरनाक खानपान को जानिए और सभी को बताइए.


1) अधिकतर चॉकलेट Whey Powder से बनाई जाती हैं| 
2) Cheese बनाने की प्रक्रिया में Whey Powder एक सहउत्पाद है| अधिकतर Cheese भी युवा स्तनधारियों के Rennet से बनाया जाता है| Rennet युवा स्तनधारियों के पेट में पाया जाने वाला एंजाइमों का एक प्राकृतिक समूह है, जो माँ के दूध को पचाने के काम आता है| इसका उपयोग Cheese बनाने में होता है|अधिकतर Rennet को गाय के बछड़े से प्राप्त किया जाता है, क्योंकि उसमे गाय के दूध को पचाने की बेहतर प्रवृति होती है|
(मित्रों यहाँ Cheese व पनीर में बहुत बड़ा अंतर है, इसे समझें|)
आजकल हम भी बच्चों के मूंह चॉकलेट लगा देते हैं, बिना यह जाने की इसका निर्माण कैसे होता है?
दरअसल यह सब विदेशी कंपनियों के ग्लैमर युक्त विज्ञापनों का एक षड्यंत्र है| जिन्हें देखकर अच्छे खासे पढ़े लिखे लोग इनके मोह में ज्यादा पड़ते हैं| आजकल McDonald, Pizza Hut, Dominos, KFC के खाद्द पदार्थ यहाँ भारत में भी काफी प्रचलन में हैं| तथाकथित आधुनिक लोग अपना स्टेटस दिखाते हुए इन जगहों पर बड़े अहंकार से जाते हैं| कॉलेज के छात्र-छात्राएं अपनी Birth Day Party दोस्तों के साथ यहाँ न मनाएं तो इनकी नाक कट जाती है| वैसे इन पार्टियों में अधिकतर लडकियां ही होती हैं क्योंकि लड़के तो उस समय बीयर बार में होते हैं| मैंने भी अपने बहुत से मित्रों व परिचितों को बड़े शौक से इन जगहों पर जाते देखा है, बिना यह जाने कि ये खाद्द सामग्रियां कैसे बनती हैं? 
3) मांस का व्यापार करने वाले एक व्यक्ति से एक बार पता चला कि किस प्रकार वे लोग मांस के साथ साथ पशुओं की चर्बी से भी काफी मुनाफा कमाते हैं| ये लोग चर्बी को काट काट कर कीमा बनाते हैं व बाद में उससे घी व चीज़ बनाते हैं| मैंने पूछा कि इस प्रकार बने घी व चीज़ का सेवन कौन करता है? तो उसने बताया कि McDonald, Pizza Hut, Dominos आदि इसी घी व चीज़ का उपयोग अपनी खाद सामग्रियों में करते हैं व वे इसे हमसे भी खरीदते हैं| 
4) इसके अलावा सूअर के मांस से सोडियम इनोसिनेट अम्ल का उत्पादन होता है,जिससे भी खाने पीने की बहुत सी वस्तुएं बनती हैं| सोडियम इनोसिनेट एक प्राकृतिक अम्ल है जिसे औद्योगिक रूप से सूअर व मछली से प्राप्त किया जाता है| इसका उपयोग मुख्यत: स्वाद को बढाने में किया जाता है| बाज़ार में मिलने वाले बेबी फ़ूड में इस अम्ल को उपयोग में लिया जाता है, जबकि १२ सप्ताह से कम आयु के बच्चों के भोजन में यह अम्ल वर्जित है|
5) इसके अतिरिक्त विभिन्न कंपनियों के आलू चिप्स व नूडल्स में भी यह अम्ल स्वाद को बढाने के लिए उपयोग में लाया जाता है| नूडल्स के साथ मिलने वाले टेस्ट मेकर के पैकेट पर इसमें उपयोग में लिए गए पदार्थों के सम्बन्ध में कुछ नहीं लिखा होता| Maggi कंपनी का तो यह कहना था कि यह हमारी सीक्रेट रेसिपी है| इसे हम सार्वजनिक नहीं कर सकते|
6) चुइंगम जैसी चीज़ें बनाने के लिए भी सूअर की चर्बी से बने अम्ल का उपयोग किया जाता है|
 
इस प्रकार की वस्तुओं को प्राकृतिक रूप से तैयार करना महंगा पड़ता है अत: इन्हें पशुओं से प्राप्त किया जाता है|
7) Disodium Guanylate (E-627) का उत्पादन सूखी मछलियों व समुद्री सेवार से किया जाता है, इसका उपयोग ग्लुटामिक अम्ल बनाने में किया जाता है|
8) Dipotassium Guanylate (E-628) का उत्पादन सूखी मछलियों से किया जाता है, इसका उपयोग स्वाद बढाने में किया जाता है|
9) Calcium Guanylate (E-629) का उत्पादन जानवरों की चर्बी से किया जाता है, इसका उपयोग भी स्वाद बढाने में किया जाता है|
10) Inocinic Acid (E-630) का उत्पादन सूखी मछलियों से किया जाता है, इसका उपयोग भी स्वाद बढाने में किया जाता है|
11) Disodium Inocinate (e-631) का उत्पादन सूअर व मछली से किया जाता है, इसका उपयोग चिप्स, नूडल्स में चिकनाहट देने व स्वाद बढाने में किया जाता है|
12) इन सबके अतिरिक्त शीत प्रदेशों के जानवरों के फ़र के कपडे, जूते आदि भी बनाए जाते हैं| इसके लिए किसी जानवर के शरीर से चमड़ी को खींच खींच कर निकाला जाता है व जानवर इसी प्रकार ५-१० घंटे तक खून से लथपथ तडपता रहता है| तब जाकर मखमल कोट व कपडे तैयार होते हैं और हम फैशन के नाम पर यह पाप पहने मूंह उठाए घुमते रहते हैं|
 
यह सब आधुनिकता किस काम की? ये सब हमारे ब्रेनवाश का परिणाम है, जो अंग्रेज़ कर गए|
- डा. के कृष्णा राव, प्रांतीय संवाद प्रभारी, भारत स्वाभिमान एवं पतंजलि योग समिति, म.प्र.
देर रात काम खत्म करके जब पिता घर लौटा तो उसका 5 वर्षीय बेटा दरवाजे पर खड़ा इंतजार कर रहा था। उसके घर मंे घुसते ही बेटे ने पूछा -आप एक घंटे में कितना कमा लेते है? अनपेक्षित सवाल खीजकर वह बोला, तुम्हें यह जानने की जरूरत नहीं। बच्चे ने फिर भी जानना चाहा तो उसने कहा, 200 rs। इस पर बच्चे ने पिता से 100 rs देने का आग्रह किया। पिता ने नाराज होकर कहा, ‘...यदि तुम कोई खिलौना लेने के लिए या किसी और बेवकूफी के ल...िए यह रुपए मांग रहे हो तो अपने कमरे में जाओ और सो जाओ।’ बच्चा चुपचाप अपने कमरे में चला गया। करीब एक घंटे के बाद जब पिता का दिमाग शंात हुआ तो उसने सोचा कहीं बेटे को पैसो की वास्तव में आवश्यकता तो नहीं है। उसने बेटे के कमरे में झंाका। उसे जगा पाकर उसके पास बैठ गया और बोला, ‘मैंने तुम पर बहुत गुस्सा किया। तुम 100 rs के बारे में कुछ कह रहे थे।’ बच्चा मुस्कुराया और सीधा बैठ गया। पिता से 100 rs लेकर उसने तकिए के नीचे रख दिए। तभी पिता की नजर वहंॉ पहले से रखे 100 पर पड़ी। बच्चे ने rs गिने और पिता की ओर देखा। पिता दोबारा गुस्सा हो गया ओर बोला, तुम और rs क्यों मांग रहे थे जबकि तुम्हारे पास पहले से ही पैसे हैं। बेटे ने मासूमियत से कहा, क्योंकि मेरे पास पहले पूरे पैसे नहीं थे, अब पूरे हैं। डैडी, अब मेरे पास सचमुच पूरे 200 rs हैं। क्या मैं आपका एक घटंा खरीद सकता हंू ? आप कल घर जल्दी आ जाना। मैं रात का खाना आपके साथ चाहता हूं।‘ पिता के पास बेटे की बात का कोई जवाब नहीं था। सबसे अनमोल तोहफा अगर आप किसी को देते हो तो वो है वक्त, क्योकिं जब आप किसी को अपना वक्त देते हो ता,े आप उन्हें जिंदगी का वो पल देते हो जो कभी वापस नहीं आता।

गाँधी होने का अर्थ

गांधी जयंती पर विशेष आज जब सांप्रदायिकता अनेक रूपों में अपना वीभत्स प्रदर्शन कर रही है , आतंकवाद पूरी दुनिया में निरर्थक हत्याएं कर रहा है...