प्रिय मित्रों,
उत्तर महाभारत महाग्रंथ में कलयुग के भविष्य के बारे में महर्षि वेदव्यास
ने कुछ त्रुटिरहित कथन किए हैं ।
शिक्षा जगत में व्याप्त मलिनता के कारण, ज्ञान और विद्या का नाश होगा ।
( सही - ग़लत )
( पढ़ने-पढ़ाने वालों की पढ़ाई के क्षेत्र में उदासीनता और सच्चे ज्ञान
का ह्रास ?)
आईए, सुनें, एक आधुनिक कॉलेज कन्या की मोबाईल talk..!!
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" अरे यार..!! माय मम्मा भी देखना? सुबह-सुबह कॉलेज जाते वक़्त ही उसकी
खिचपिच शुरु हो गई..!! शैला ये ड्रेस मत पहनना, इसमें तेरा सारा बदन
दिखता है । आज जल्दी वापस घर आ जाना । यार हमारी कोई चोईस ही नहीं? शैलाब
की भी रिंग आई थी ,"हाय हनी, कॉलेज आ रही है ना? आज कहाँ मिलना है? मैं,
शैला उसे पोपट से मिलूँ? MY FOOT!! साला कभी पॉकेट में तो हाथ डालता
नहीं है ? LEAVE IT यार..!!"
इस मंथ के मेरे सारे पॉकेट मनी फिनिश हो गए हैं, बट यु नॉ? मैने क्या
किया? इस शैला ने स्मार्टनेस दिखाते हुए, उस पोंगा पंडित कौशिक को ऐसी
मीठी स्माईल देदी कि, उसने ५०० का नोट तुरंत निकाल कर मुझे दे दिया ।
नहीं यार, फ्री में नहीं..!! उसके बदले, मैंने उसके साथ लोंग ड्राइव पर
जानेका प्रोमिस किया है ।
तु भी आएगी क्या? वो रितुडी को हमारे साथ आना था मगर, you know !! वो
सिर्फ न्यूज़ पेपर नहीं, पूरा न्यूज़ चैनल है? क्या, ऍक्ज़ाम नज़दीक है?
तु कब से ऍक्ज़ाम की फ़िक्र करने लगी? ही..ही..ही..!!
मुझे कोई चिंता नहीं है? you see, मैंने तो वो हॅन्डसम प्रोफेसर हैं ना?
हाँ..हाँ, उसी को पटा लिया है..!! मुझे बहुत हॅल्प कर रहा है ।
नहीं,नहीं..वो मेरा नहीं, शैलाब का रिलेटिव है । उसका हैबिट थोड़ा ख़राब
है, मेरे साथ शॅक हॅन्ड करने के बाद हाथ जल्दी छोड़ता नहीं है..!!
नहीं..नही..यार,उसकी? नो मोर हिंमत, शैला को तो तु जानती है ना? मुझे
ऐसों को हैन्डल करना अच्छी तरह आता है..!!
सन्डे को क्या करती? या..र..!! मेरा ये सन्डे बिलकुल बेकार गुज़रा । मेरी
मम्मा अभी से, you know,जन्म कुंडली और ऐसा ही कुछ समथिंग-समथिंग ले कर,
मेरे रिश्ते के लिए रिश्तेदारों से बात करती रहती है? बट, मैंने तो उसको
क्लिन-क्लिन कह दिया है, हालाँकि मैं थर्ड ईयर में स्टडी कर रही हूँ,But,
I want to study further?
मेरे पापा? मेरे पापा तो वॅरी-वॅरी nice guy है..!! पता है, एक दिन क्या
हुआ था? उन्होंने मुझे हैं ना, शैलाब के साथ बाईक पर चिपक कर बैठे हुए
देख लिया था, फिर भी ही डीडन्ट टेल मी अ सिंगल वर्ड..या..र?
मेरी मम्मा, मेरी शादी को लेकर, फ़ालतू में Worry हो रही है..!! हाँ..मगर
पापाने, मम्मा को टू मच, worry करते देखकर, उसे साफ-साफ कह दिया, शिला
is mature enough to take care of her self..!!
No..no..यार, कॉलेज के किसी भी पोपट के साथ,मेरेज तो मैं करनेवाली
नहीं..!!
पापा जहाँ कहेंगे, उसी लड़के के साथ..!! you know our संस्कार culture और
ऐसा ही कुछ समथिंग-समथिंग,
O.K. I am in hurry,we will talk later,bye."
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जान ले लो मेरी मगर प्यार से(गीत)
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नोट- पूरे गीत में, प्रितम शैलाब गीत गा कर शिला से प्यार जता रहा है और
शैला `I DON`T CARE.` कह कर इन्कार कर रही है ।
जान ले लो मेरी, मगर प्यार से....!!
I DON`T CARE.
ज़ख्म दे दो नया, मगर प्यार से...!!
I DON`T CARE.
१.
चल पड़ा हूँ मैं, इश्क़ की राह पर ।
दिल रखा है क़दमों में, हर आह पर ।
दो क़दम साथ चल, मगर प्यार से....!!
I DON`T CARE.
२.
ज़ुल्फ़ में तेरी यूं ही उलझता गया ।
अश्क बहते रहे, मैं पिघलता रहा ।
एक नज़र देख ले,मगर प्यार से....!!
I DON`T CARE.
३.
आग सी लग गई, जिस्म जलता रहा ।
साँस थम सी गई, मैं तड़पता रहा ।
दिल जलाओ मेरा, मगर प्यार से.....!!
I DON`T CARE.
४.
कोई क्यूँ न मरे, बेरूख़ी देख कर ।
कोई कैसे जीए, यार को छोड़ कर ।
क़त्ल कर दो मेरा,मगर प्यार से....!!
I DON`T CARE.
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बस, हम आगे और क्या कहें, साहब..!! अब, आप ही कुछ फरमाईए !
by- hindustan ki awaz
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