Sunday 21 August 2011

प्रश्न ...

इतिहास के क्रूर पन्नों पे 
समय तो दर्ज़ करेगा
हर गुज़रता लम्हा
मुँह में उगे मुहांसों से लेकर
दिल की गहराइयों में छिपी क्रांति को
खोल के रख देगा निर्विकार आईने की तरह

अनगिनत सवाल रोकेंगे रास्ता
तेरी मेरी
हम सबकी भूमिका पे

जो तटस्थ रहेंगे
या लड़ेंगे
समय तो लिखेगा
उन सब का इतिहास

क्या सामना करोगे इन सवालों का
सृष्टि के रहने तक
युग के बदलने तक

भविष्य में उठने वाले इन प्रश्नों का जवाब
वर्तमान में ही देना होगा
क्या अब भी सोते रहोगे...? 

दिगम्बर नासवा 

Thursday 11 August 2011

वन्दे मातरम्

वन्दे मातरम् 
सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्
शस्यशामलां मातरम् । 
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीं 
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीं 
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीं
सुखदां वरदां मातरम् ।। १ ।। वन्दे मातरम् ।
कोटि-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले
कोटि-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले, 
अबला केन मा एत बले ।
बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं 
रिपुदलवारिणीं मातरम् ।। २ ।। वन्दे मातरम् ।
तुमि विद्या, तुमि धर्म 
तुमि हृदि, तुमि मर्म
त्वं हि प्राणा: शरीरे 
बाहुते तुमि मा शक्ति, 
हृदये तुमि मा भक्ति, 
तोमारई प्रतिमा गडि 
मन्दिरे-मन्दिरे मातरम् ।। ३ ।। वन्दे मातरम् ।
त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी 
कमला कमलदलविहारिणी
वाणी विद्यादायिनी, नमामि त्वाम् 
नमामि कमलां अमलां अतुलां 
सुजलां सुफलां मातरम् ।। ४ ।। वन्दे मातरम् ।
श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषितां 
धरणीं भरणीं मातरम् ।। ५ ।। वन्दे मातरम् ।।

गाँधी होने का अर्थ

गांधी जयंती पर विशेष आज जब सांप्रदायिकता अनेक रूपों में अपना वीभत्स प्रदर्शन कर रही है , आतंकवाद पूरी दुनिया में निरर्थक हत्याएं कर रहा है...